नमस्ते भगवान रुद्र भास्करामित तेजसे|
नमो शर्वाय क्षितिरूपाय नंदीसुरभये नमः| 1.
ईशाय वसवे सुभ्यं नमः स्पर्शमयात्मने|
भवाय देवाय रसायाम्बुमयात्मने|| 2.
पशूनां पतये चैव पावकायातितेजसे|
भीमाय व्योम रूपाय शब्द मात्राय ते नमः|| 3.
उग्रायोग्रास्वरूपाय यजमानात्मने नमः|
महाशिवाय सोमाय नमस्त्वमृत मूर्तये|| 4.
ब्रह्माजी बोले कि हे भगवान! हे रुद्र! आपका तेज अनगिनत सूर्यों के तेज सा है|
रसरूप, जलमय विग्रहवाले हे भवदेव! आपको नमस्कार है | 1.
नंदी और सुरभि कामधेनु भी आपके ही प्रतिरूप हैं| पृथ्वी को धारण
करनेवाले हे शर्वदेव! आपको नमस्कार है| हे वायुरुपधारी,
वसुरुपधारी आपको नमस्कार है | 2.
अग्निरुप तेज व पशुपति रूपवाले हे देव! आपको नमस्कार है|
शब्द तन्मात्रा से युक्त आकाश रूपवाले हे भीमदेव! आपको नमस्कार है | 3.
हे उग्ररूपधारी
यजमान सदृश आपको नमस्कार है| सोमरूप अमृतमूर्ति
हे महादेव! आपको नमस्कार है | 4.
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